जैसे तू मुस्कुराई है
खुशबसूरत है चांद जैसे तेरी परछाई है। खुशबू है फज़ा में जैसे तू मुस्कुराई है।
नर्म लहज़ा है शहद बातें हो जैसे इस जहां की नही तू कहा से आई है।
बदला बदला सा है घर मेरा जब से तेरी तस्वीर मेरे कमरे में जो लगाई है।
खुशियां शामिल है जिंदगी में तेरे आने से यही दौलत तो मैंने बस कमाई है।
हर लम्हे को बनाना है कुछ अलग मुझको दिल की गलियां ख्वाबों से यूं सजाई है।
खुशबसूरत है चांद जैसे तेरी परछाई हैै खुशबू है फज़ा में जैसे तू मुस्कुराई है।
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